संत शिरोमणि रविदास जी का जीवन परिचय( part 1 )

 संत रविदास जी का सम्पूर्ण  जीवन परिचय -


संत शिरोमणि रविदास जी भारत के एक महान संतो में से एक थे |  संत शिरोमणि रविदास जी एक मात्र संत थे जिन्हें संत शिरोमणि की उपाधि प्राप्त थी | न ही उन से पहले न ही उन के बाद यह उपाधि किसी को मिली |  उन्होंने बहुत से धर्मशास्त्रों का अध्ययन किया और महान पुरुषो  की पुस्तको का  भी अध्ययन किया | संत शिरोमणि रविदास जी  को हमारी भारतीय संस्कृति में गुरु के रुप में माना जाता है की मीरा के गुरु संत शिरोमणि रविदास जी  थे | 

 संत शिरोमणि रविदास जी  के जन्म के बारे में बहुत सी विभिन्नता है | कोई  संत शिरोमणि रविदास जी का  जन्म को 1376 ईस्वी लगभग है ,तो कोई1433 के लगभग बताता है उन का जन्म माघ पूर्णिमा  को उत्तर प्रदेश के वाराणसी शहर के गोवर्धन  गांव में हुआ था। उनकी माँ  का नाम कर्मा देवी उन का एक नाम कलसा भी है  तथा पिता का नाम संतोख दास इन्हें रग्घु नाम से भी जाना जाता है  था। उनके दादा का नाम श्री कालूराम जी, दादी का नाम श्रीमती लखपती जी, पत्नी का नाम श्रीमती लोनाजी और पुत्र का नाम श्रीविजय दास जी है।

संत शिरोमणि रविदास जी  मन से शांत स्वाभाव और भक्ति करने बाले महापुरुष थे और दुसरो की सहायता करना उनका स्वभाव था | इसी व्यव्हार के कारण उनके संपर्क में आने वाले लोग बहुत प्रसन्न रहते थे | शुरुआत से ही रविदास जी बहुत ही परोपकारी और दयावान  थे | ऋषि-मुनियों की सहायता करने में उनको बहुत अच्छा लगता था | उनके इसी स्वभाव के कारण उनके माता पिता उन पर क्रोध करते थे |  किन्तु रविदास जी ने अपना स्वभाव नहीं बदला इससे  परेशान होकर उनके माता पिता ने उनको और उनकी पत्नी को घर से निकाल दिया | रविदास जी ने अपने घर के कुछ ही दूर अपनी छोटी सी कुटीया बना कर रहने लगे | रविदास जी जन्म से ही बुद्धिमान थे | 


संत शिरोमणि रविदास जी को कई नाम से जाना जाता है -

रविदास 

रैदास 

रोहिदास 

रेमदास  

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