शानि देव और माता लक्ष्मी की कथा
दोस्तों आज में आपके लिए बहुत विशेष कहानी लेकर आया हूँ | इसे एक बार जरुर पुरे पढ़े क्योंकि इस में आप को माता लक्ष्मी और शानि देव की विशेष महिमा के बारे में पता चलेंगा |
एक बार शानि देव और माता लक्ष्मी का आपस में विवाद चल रहा था की कौन सबसे अच्छा है एस पर विवाद इतना ज्यादा हो गया की दोद्नों लड़ते-लड़ते ब्रह्मा जी के पास पहुँच गये और कहा की - हे ब्रह्मा जी आप बताएं की हम दोद्नों में दे सबसे अच्छा कोन है एस पर ब्रह्मा जी बोले की आप भगवान शंकर के पास जाये वे आपके विवाद का निराकरण कर देंगे |
फिर शानि देव और माता लक्ष्मी दोनों भगवान शंकर जी के पास पहुंचे और बोलते है - हे प्रभु हम दोनों में से कौन श्रेष्ट और अच्छा है
इस पर भगवान शंकर जी ने जबाब दिया की - हे शानि देव , हे लक्ष्मी जी आप दोनों भगवान विष्णु के पास जाएँ वे ही इसका उत्तर दे सकते है |
दोनों भगवान विष्णु के पास जाते है | वहां भगवान विष्णु शेष नाग की शैया पर विराजमान थे | लक्ष्मी जी भगवान विष्णु से बोलीं -हे प्रभु हम दोनों में से सबसे अच्छा कौन है इस पर विष्णु जी ने मन में सोचा की यदि देवी लक्ष्मी के पक्ष में बोलूं तो शनि देव को लगेगा की में पक्षपात कर रहा हूँ और शनि देव के पक्ष में बोलूं तो लक्ष्मी जी को बुरा लगेगा |
फिर विष्णु जी ने दोनों दे कहाँ की आप दोनों बीस कदम पीछे जाकर वापस आओ
लक्ष्मी जी और शनि देव बीस कदम पीछे जाकर वापस आते है
थोड़ी देर विष्णु जी ने सोचा और कहा - जाते समय शनि देव अच्छे लागतें है और आते समय लक्ष्मी जी अच्छी लगतीं है | दोनों प्रसन हो जाते है और आपना विवाद छोड़ पने-अपने धाम को चलें जातें है |
तो दोस्तों आशा है की आप समझ गए होंगे की जब शनि आपकी राशी से जाते है तो अच्छा लगता है | और लक्ष्मी जी आतीं अर्थात धन आता है तो अच्छी लगतीं है
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